बोदरी नदी, छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश (Bodery River, Chhindwara, Madhya Pradesh) के ह्रदय स्थल पर बहने वाली विलुप्त होती नदी है।
बोदरी नदी का उद्गम स्थल छिंदवाड़ा के ग्राम खजरी और सोमा ढाना से बहती जल की दो धाराओं के मिलने से होता है।
पुराने छिंदवाड़ा के किनारे को लगभग 7 किलोमीटर घेरती हुई यह नदी पुराने गुरैया नाके के पास से बहती हुई निकलती है फिर, नागपुर रोड पर चंदनगांव के पहले, पूर्व दिशा की ओर बहती हुई, आगे बढ़ती जाती है। बहुत आगे बहती हुई यह बोदरी नदी, ग्राम सोनपुर के पास कुलबहरा नदी में मिल जाती है।
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वहीं बहती हुई कुलबहरा नदी आगे चलकर पेंच नदी में जा मिलती है।
बोदरी नदी की लंबाई लगभग 15 किलोमीटर है। यह छिंदवाड़ा जिले की सबसे छोटी नदियों में से एक के रूप में पहचानी जाती है।
वर्तमान में छिंदवाड़ा नगर के नगरीकरण एवं जनसंख्या के अत्यधिक दबाव के फलस्वरूप बोदरी नदी अपना स्वरूप खोते जा रही है।
बचपन की यादों में या कहा जाये नब्बे के दशक तक बोदरी नदी का महत्व छिंदवाड़ा वासियों के लिए अत्यधिक रहा था। यह शहर की सबसे नजदीकी और उपयोगी जीवित नदी थी।
किन्तु अब प्रकृति के द्वारा प्रदत्त जल वरदान के विपरित मनुष्य की महत्वकांक्षाओ ने अब बोदरी नदी को बोदरी नाले में परिवर्तित कर दिया है।
लोगों के सहयोग एवं प्रशासनिक सक्रियता से बोदरी नदी को पुनर्जीवित करने का कार्य किया जाना जरूरी है। जिससे नदी पुनर्जिवित होकर और छिंदवाड़ा वासियों के लिये उपयोगी हो सके।
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