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हरद नदी, छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश | Harad River, Chhindwara, Madhya Pradesh

जिला छिंदवाड़ा में विकासखंड अमरवाड़ा के ग्राम सोनपुर के समीप पहााड़ियों के निचले क्षेत्र से हरद नदी का उद्गम होता है। यह ग्राम धनोरा, अंडोल तथा बटकाखापा क्षेत्र में बहती हुई, हर्रई विकासखंड के कोटरा ग्राम के पास बहती हुई शक्कर नदी में मिल जाती है। 

यहां समीप में एक जलप्रपात  तथा एक गुफा मंदिर है। महाशिवरात्रि में कोटरा महादेव के नाम से विशाल मेला भी भरता है। जिसमें हजारों की संख्या में आसपास गांवों के ग्रामीण एवं दुकानदार सम्मिलित होते हैं।       
             
हर्रई के धनोरा ग्राम के किनारे से हरद नदी बहती है। भारी वर्षा के होने पर वर्षा काल में हरद नदी का पानी ग्राम धनोरा के किनारे बने सड़क पुल के ऊपर से भी बहता है तथा कई बार जाम लगने की परिस्थिति बन जाती हैं। पुलिस प्रशासन को बैरिकेट्स लगाकर आवागमन रोककर, दुर्घटना से बचाने की व्यवस्था करनी पड़ती है।                                 

हरद नदी आगे जाकर ग्राम अंडोल के समीप से बहती है। हरद नदी तथा ग्राम के समीप मृगननाथ का मंदिर है। यहां महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर भव्य मेला लगता है। गांव के लोग आकर भक्तिभाव से पूजा करते हैं।
         
हरद नदी की लंबाई छिंदवाड़ा जिले में लगभग 40 किलोमीटर है। हरद नदी ग्राम अंडोल के आगे ग्राम बटकाखापा होते हुए आगे कोटरा ग्राम के पास शक्कर नदी में मिल जाती है। 

हरद नदी तथा शक्कर नदी के संगम के समीप एक प्राकृतिक गुफा बनी हुई है तथा विशालकाय चट्टान पर जलप्रपात का निर्माण होता है। जो कोटरा जलप्रपात/वाटरफॉल के नाम से जाना जाता है।

प्राकृतिक गुफा में शिवलिंग तथा भगवान शिव की मूर्ति स्थापित है। यहां महाशिवरात्रि पर्व पर विशाल मेला भरता है। मेले में बहुत बड़ी संख्या में आसपास के ग्रामीण और दुकानदार आते हैं। मेला लगभग 3 से 5 दिन भरता है।

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