छिंदवाड़ा शहर से छिंदवाड़ा नरसिंहपुर मार्ग पर स्थित विकासखंड हर्रई है यहां के ग्राम सुरलाखापा के पास स्थित ग्राम सुकरी से, शक्कर नदी का उद्गम हुआ है।
शक्क्रर नदी के उद्गम स्थल की दूरी विकासखंड अमरवाड़ा से उत्तर की ओर लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर है। शक्कर नदी, नर्मदा नदी की सहायक नदी है।
छिंदवाड़ा जिले में यह शक्कर नदी लगभग 68 किलोमीटर बहती है। इस नदी के कछार में कोयला की खान पाई गई है। वि.खं. हर्रई के ग्राम कोटरा के पास अभी कुछ बंद छिंदवाड़ा की हरद नदी का संगम शक्कर नदी से होता है।
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हरद नदी एवं शक्कर नदी के संगम पर, महाशिवरात्रि के अवसर पर, कोटरा महादेव मेला भरता है। यहां कोटरा में एक प्राकृतिक गुफा मंदिर है। जहां शिवलिंग स्थापित है। तथा एक विशाल शिला पर एक जलप्रपात दर्शनीय है। जिसे कोटरा जलप्रपात/वाटरफाल के नाम से जाना जाता है।
यह स्थान नरसिंहपुर जिले और छिंदवाड़ा जिले की सरहद पर स्थित होने के कारण, कोटरा महादेव के महा शिवरात्रि मेले में दोनों जिलेेे के सरहद के आसपास के लगभग 40-50 गांव के ग्रामीण सम्मिलित होते हैं। यह मेला 3 दिन तक चलता है।
शक्कर नदी सुकरी ग्राम से निकलकर, दूल्हा देव पर्वत के उत्तर में बहती हुई, यह हर्रई के पश्चिम से उत्तर की ओर नरसिंहपुर जिले की सीमा में प्रवेश करती है।
तत्पश्चात यह गाडरवारा जिले के पहले छिंदवाड़ा जिले की एक और दूसरी नदी सीतारेवा नदी का संगम शक्कर नदी मेंं होता है। इसके पश्चात शक्कर नदी, गाडरवारा जिले से आगेेे बहती हुई नर्मदा नदी में मिल जाती है।
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