कन्हान नदी, छिंदवाड़ा जिले की मुख्य बड़ी नदी है।
विकासखंड जुन्नारदेव के हरियागढ़ (हिरदागढ़) से लगभग 10 किलोमीटर दूर, उत्तर पहाड़ों पर भरदागढ़ के जंगलों से ग्राम गोप केे समीप से कन्हान नदी का उद्गम (Kanhan River Origin) हुआ है।
कन्हान नदी दक्षिण की ओर जंगल, पहाड़ों में लगभग 40 किलोमीटर बहती हुई, पूर्व की ओर मुड़कर सिल्लेेेवानी घाटी के दक्षिण से बहती हुई, रामाकोना के पास पहुंचती है।
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रामाकोना से आगे दक्षिण की ओर मुड़ती हुई, महाराष्ट्र के नागपुर जिले की सीमा में प्रवेश करती है। आगे भंडारा से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर गोंडीपरी के निकट वैनगंगा नदी से मिल जाती है।
यह छिंदवाड़ा जिले के लगभग 113 किलोमीटर क्षेत्र में बहती है। मोरडोंगरी के पास कन्हान नदी पर जिल्हरी घाट एवं ऐतिहासिक गांव देवगढ़ (देवगढ़ के किला) के निकट लिलाही घाट व लिलाही जलप्रपात का प्राकृतिक सौंदर्य दर्शनीय है। लिलाही घाट पर कन्हान नदी में एक मिनी धुंंआधार जलप्रपात बनता है। जिसे लिलाही धुंआधार जलप्रपात कहते हैं।जो देेेवगढ़ से 14 कि.मी. दूर है।
विकासखंड सौंंसर के ग्राम रंगारी के पास स्थित मेहंदीगांव के निकट कन्हान नदी के दोनों ओर प्राकृतिक सौंदर्य दर्शनीय है।
सौंंसर विकासखंड में कन्हान नदी के दोनों कछारों पर अरहर (तुअर) की खेती की जाती है। यहां की अरहर की दाल अत्यंत स्वादिष्ट होती है।
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Nice information
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