छिंदवाड़ा जिला पर्वत श्रेणियों से आच्छादित है। छिंदवाड़ा जिले की लंबाई उत्तर से दक्षिण 136 किलोमीटर एवं पूर्व से पश्चिम चौड़ाई 104 किलोमीटर है।
छिंदवाड़ा जिले का उत्तर पहाड़ी भू-भाग में ऊंची पर्वत श्रेणियां बनी हुई है। छिंदवाड़ा जिले के कुछ क्षेत्र समुद्र सतह से काफी ऊंचे हैं, जैसे पर्वतीय ग्राम कालापाठा 3979 फीट पर, सुरलाखापा 3825 फीट, हर्रा पठार 3852 फीट की उंचाई पर बसे हैंं।
सतपुड़ा का सबसे ऊंचा भाग जिले के उत्तरीय भाग में पूर्व से पश्चिम तक जागीरो में फैला हुआ है। जहां अधिकांश नदियों का उदगम स्थल है।
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नदियों का बहाव दक्षिण की ओर है, तथा कुछ नदियों का बहाव उत्तर की ओर है। उत्तर की ओर बहने वाली नदियां तवा, शक्कर, सीतारेवा, दूधी और देनवा है। सतपुड़ा पर्वत श्रेणियों के कारण छिंदवाड़ा जिला नदियों के लिये समृद्ध माना जा सकता है।
छिंदवाड़ा जिला के विभिन्न क्षेत्रों से 15 नदियों का उदगम हुआ है। जो इस प्रकार है :-
1.) कन्हान नदी
2.) पेंच नदी
3.) कुलबहरा नदी
4.) तवा नदी
5.) दूधी नदी
6.) देनवा नदी
7.) जाम नदी
8.) शक्कर नदी
10.) हरद नदी
11.) ठेल नदी
12.) बेल नदी*
13.) सीतारेवा नदी
14.) बोदरी नदी
15.) घटामाली नदी
16.) उम्रा/ उमरा नदी
* बेल नदी का उद्गम स्थल बैतूल जिले में है किन्तु अधिकांश प्रवाह छिंदवाड़ा में होता है।
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5 टिप्पणियाँ
i just got to know about river name
जवाब देंहटाएंwah itni saari nadi hai chhindwara me :)
जवाब देंहटाएंछिंदवाड़ा की बहुत ही सारगर्भित एवं अनसुनी- अनकही अपनी आश्चर्यजनक बातें जानकर बहुत हैरानी हुई और मेरा ऐतिहासिक तथ्यों को जानने की जिज्ञासा बढ़ी जिसमें आपका आलेख मेरे लिए एक प्रेरणादाई स्त्रोत रहा है।
जवाब देंहटाएंहमारी उर्जा का स्त्रोत आप पाठकगण हैं कृपया सभी मित्रों को भी लेख साझा कर छिंदवाड़ा की बहुलता से अवगत कराएं। धन्यवाद।।
हटाएंChhindwara is a prosperous district in every respect🙏🕉️❤️
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